खुशियों की तलाश से भरे सफ़र में कुछ भी अधुरा नहीं रहता और न ही कुछ पूरा हो पता है|कभी दूसरों की खुशियों की लहर आपके दिल में भी खुशियाँ जगा जाती है तो अभी किसी खास व्यक्ति का अपनापन और साथ|आपको किसी का साथ पसंद है तो फिर यह नहीं देखा जाता कि साथ कितनी देर का है, देखा तो बस इतना जाता है कि दो पल भी अगर आप साथ है,तो मुकम्मल साथ रहे|-अनिल
No comments:
Post a Comment