जिन्दगी का जश्न - सर्व जन हिताय
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LORD VISHNU LAXMI
Thursday, November 17, 2011
नए रास्तों की.................
वक़्त आसमान में परवाज़ भारती चिड़िया के पंख पर भले ही सवार हो,लेकिन इन्सान की तबियत ही कुछ ऐसी है कि वह पंख के पार भी देखता है,भरी पहाड़ों तक को लांघता है,वक़्त से जूझता है और इन्दगी कि दिह्सा में नए-नए रस्ते तलाशता है----अनिल
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