LORD VISHNU LAXMI

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Monday, November 14, 2011

उल्लास में जीवन दर्शन

उत्सवो के उल्लास में जीवन दर्शन डालना हमारे पुरखों की दूरदृष्टि का परिचायक है| मेहनतकश किसान और भोले भले ग्रामीणों के जीवन में इसी तरह जीवन दर्शन डाला जा सकता था, यही वजह है की ग्रामीण भारत एवं लोकजीवन की उत्सवप्रियता बहुत व्यापक है| भारत की गरमी संस्कृति बहुत विविध है,इसीलिए यहाँ लोक उत्सवो की भरमार है----मनीष कुलश्रेष्ठ

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