LORD VISHNU LAXMI

LORD VISHNU LAXMI

Monday, December 9, 2013

मंगलवार को करें हनुमानजी के इन 9 उपायों में से कोई 1, मालामाल हो जाएंगे

सुबह-सुबह पीपल के कुछ पत्ते तोड़ लें और उन पत्तों चंदन या कुमकुम से श्रीराम नाम लिखें। इसके बाद इन पत्तों की एक माला बनाएं और हनुमानजी को अर्पित करें।
किसी भी हनुमान मंदिर जाएं और अपने साथ नारियल लेकर जाएं। मंदिर में नारियल को अपने सिर पर सात बार वार लें। इसके बाद यह नारियल हनुमानजी के सामने फोड़ दें। इस उपाय से आपकी सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।
हनुमानजी को सिंदूर और तेल अर्पित करें। जिस प्रकार विवाहित स्त्रियां अपने पति या स्वामी की लंबी उम्र के लिए मांग में सिंदूर लगाती हैं, ठीक उसी प्रकार हनुमानजी भी अपने स्वामी श्रीराम के लिए पूरे शरीर पर सिंदूर लगाते हैं। जो भी व्यक्ति हनुमानजी को सिंदूर अर्पित करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
हनुमानजी के मंदिर में 1 नारियल पर स्वस्तिक बनाएं और हनुमानजी को अर्पित करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें
हनुमानजी के सामने रात को चौमुखा दीपक लगाएं। यह एक बहुत ही छोटा लेकिन चमत्कारी उपाय है। ऐसा नियमित रूप से करने पर आपके घर-परिवार की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।
किसी पीपल पेड़ को जल चढ़ाएं और सात परिक्रमा करें। इसके बाद पीपल के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
श्रीरामचरिमानस की चौपाइयों का जप करें। ऐसा करने में बहुत ही जल्द हनुमानजी प्रसन्न हो जाएंगे और आपको मालामाल कर देंगे।श्रीराम रक्षा स्रोत का पाठ किसी हनुमान मंदिर में करेंगे तो बहुत ही जल्द चमत्कारी फल होने लगेंगे। या किसी भी हनुमान मंदिर में जाए और श्रीराम के मंत्रों का जप करें। 
 

Saturday, October 19, 2013

पीपल के ये उपाय पहले नहीं पढ़े होंगे आपने, इनसे फटाफट बदलती है किस्मतइस उपाय से धीरे-धीरे हो जाएंगे मालामाल

यदि कोई व्यक्ति किसी पीपल के वृक्ष के नीचे छोटा सा शिवलिंग स्थापित करता है तो उसकी जीवन में कभी भी कोई परेशानियां नहीं आएंगी। यदि कोई भयंकर परेशानियां चल रही होंगी वे भी दूर हो जाएंगी। पीपल के नीचे शिवलिंग स्थापित करके उसकी नियमित पूजा भी करनी चाहिए। इस उपाय से गरीब व्यक्ति भी धीरे-धीरे मालामाल हो जाता है।
पीपल के नीचे करें हनुमानजी का उपाय
पीपल के 11 पत्ते तोड़ें और उन श्रीराम का नाम लिखें। राम नाम लिखने के लिए चंदन का उपयोग किया जा सकता है। यह का पीपल के नीचे बैठकर करेंगे तो जल्दी शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। राम नाम लिखने के बाद इन पत्तों की माला बनाएं और हनुमानजी को अर्पित करें।
कलयुग में हनुमानजी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता माने गए हैं। इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए कई प्रकार उपाय बताए गए हैं। यदि पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो यह चमत्कारी फल प्रदान करने वाला उपाय है।
साढ़ेसाती या ढय्या हो तो ये उपाय करें
शनि दोषों से मुक्ति के लिए तो पीपल के वृक्ष के उपाय रामबाण हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढय्या के बुरे प्रभावों को नष्ट करने के लिए प्रति शनिवार पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाकर सात परिक्रमा करनी चाहिए। इसके साथ ही शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक भी लगाना चाहिए।
परिक्रमा से दूर होता है कालसर्प दोष
पीपल में प्रतिदिन जल अर्पित करने से कुंडली के कई अशुभ माने जाने ग्रह योगों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। इस पेड़ की मात्र परिक्रमा से ही कालसर्प जैसे ग्रह योग के बुरे प्रभावों से छुटकारा मिल जाता है। इसके अतिरिक्त शास्त्रों के अनुसार इस वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास भी माना गया है।
 

Sunday, July 28, 2013

त्र्यम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग(नासिक)-                                                                                      4
सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरीतीरपवित्रदेशे। 
यद्दर्शनात् पातकमाशु नाशं प्रयाति तं त्रयम्बकमीशमीडे।10।
क्या फल मिलता हैं- त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिङ्ग के इस मंत्र स्मरण के साथ दर्शन और उनको स्पर्श करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। व्यक्ति को मोक्षपद प्राप्त होता है । इनका पूजन करने वालों को लोक-परलोक में सदा आनन्द रहता है ।
श्री केदारनाथ ज्योर्तिलिंग(उत्तरांचल)- 
महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः। 
सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यै: केदारमीशं शिवमेकमीडे।11।
क्या फल मिलता हैं- केदारनाथ ज्योर्तिलिंग को कड़ा चढ़ाने की परंपरा है। इस मंत्र का स्मरण कर कड़ा चढ़ाने वाले व्यक्ति को दु:ख नहीं होता और मोक्ष की प्राप्ति होती है। केदारनाथ के दर्शन के बाद यहां का पानी पीने का भी महत्व है।
श्रीघृष्णेश्वर ज्योर्तिलिंग(एलोरा) 
इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन् समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम्। 
वन्दे महोदारतरं स्वभावं घृष्णेश्वराख्यं शरणं प्रपद्ये ।12। 
ज्योतिर्मयद्वादशलिंगकानां शिवात्मनां प्रोक्तमिदं क्रमेण। 
स्तोत्रं पठित्वा मनुजोऽतिभक्त्या फलं तदालोक्य निजं भजेच्च॥
क्या फल मिलता हैं- 
घुश्मेश्वर के दर्शन व पूजन से व्यक्ति के सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और उसका जीवन सुखमय हो जाता है। साथ ही सारे पाप नष्टï होते हैं ।
 
 
रामेश्वरम् ज्योर्तिलिंग(तमिलनाडु)- सुताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसंख्यै:।      3
श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि।7।
क्या फल मिलता हैं- 
इस मंत्र के साथ ज्योतिर्लिङ्ग दर्शन, स्मरण व पूजा कर गंगाजल चढ़ाने वाले के सभी दु:ख दूर होते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि दूध, दही और नारियल के जल से ज्योतिर्लिङ्ग को स्नान कराने वाले व्यक्ति की कई पीढिय़ों का उद्धार होता है।
श्री नागेश्वर ज्योर्तिलिंग(दारुकावन,महाराष्ट्र) 
याम्ये सदंगे नगरेतिऽरम्ये विभूषितांगम् विविधैश्च भोगै:। 
सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये।8।
क्या फल मिलता हैं- इस मंत्र के साथ नागेश ज्योतिर्लिंङ्ग के दर्शन व पूजन से तीनों लोकों की कामनाएं पूरी होती हैं। इसका उल्लेख शिवपुराण में भी है। कि ऐसा करने से सभी दु:ख दूर होते हैं और उसे सुख-समृद्धि मिलती है। केवल दर्शन मात्र से ही पापों से छुटकारा मिल जाता है।

श्री विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग(वाराणसी)- 
सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम्। 
वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये।9।
क्या फल मिलता हैं- इस मंत्र के साथ विश्वेश्वर के दर्शन के बाद व्यक्ति को सुख, समृद्धि और मोक्ष प्राप्त होता है। कहते हैं कि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिङ्गï को स्पर्श यानि छूने भर से ही राजसूय यज्ञ का फल मिलता है। पंचामृत आदि से पूजा करने वाले व्यक्ति को अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो दर्शनार्थी उपवास करके ब्राह्मïणों को संतुष्टï करता है उसे सौत्रामणि यज्ञ का फल मिलता है। नारद पुराण के मुताबिक दर्शन के बाद ब्राह्मïण को दान देने से व्यक्ति की उन्नति होती है। शिव पुराण में उल्लेख है यह ज्योतिर्लिङ्गï मुक्ति और भुक्ति यानी शिव भक्तों को सभी तरह के सुख-समृद्धि मिलती है। उनके पावन नाम का जप करने वाले भक्त कर्म बंधन से छूटकर मोक्ष पद के अधिकारी हो जाते हैं।
ममलेश्वर-ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग(इंदौर, मध्यप्रदेश ) -    2
कावेरिकानर्मदयो: पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय। 
सदैव मान्धातृपुरे वसन्तमोंकारमीशं शिवमेकमीडे।4।
क्या फल मिलता हैं- 
इस मंत्र के साथ ज्योतिर्लिंङ्ग के दर्शन मात्र से व्यक्ति सभी कामनाएं पूर्ण होती है। इसका उल्लेख ग्रंथों में भी मिलता है- शंकर का चौथा अवतार ओंकारनाथ है। यह भी भक्तों के समस्त इच्छाएं पूरी करते हैं। और अंत में सद्गति प्रदान करते हैं।
श्रीवैद्यनाथ ज्योर्तिलिंग(परली,महाराष्ट्र)- 
पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसन्तं गिरिजासमेतम्। 
सुरासुराराधितपादपद्मं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि।5।
क्या फल मिलता हैं- 
वैद्यनाथ न केवल कुष्ठï रोग से लोगों को मुक्त करते हैं बल्कि वे सभी रोगों को दूर करते हैं। इसी कारण बुरा व्यक्ति भी इनके दर्शन से अच्छा बनने लगता है। उसमें आध्यात्मिक गुणों का विकास होने लगता है और सद्गति प्राप्त होती है। ये वैद्य से भी बढक़र हैं। संभवत: इसी कारण इनका नाम वैद्यनाथ पड़ा।
श्री भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग(डाकिनी, महाराष्ट्र)- 
यं डाकिनीशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च। 
सदैव भीमादिपदप्रसिद्धं तं शंकरं भक्तहितं नमामि।6।
क्या फल मिलता हैं- 
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंङ्ग के इस मंत्र के साथ दर्शन, स्मरण व पूजा करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां पवित्र नदी भी है। कहा जाता है कि भगवान जनार्दन ही इसमें जल के रूप में हैं। 

कैसी भी हो मन्नत, ये 12 चमत्कारी मंत्र फौरन करते हैं पूरी --------1

सोमनाथ ज्योर्तिलिंग(सौराष्ट्र,गुजरात)- 
सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्। 
भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ।1।
क्या फल मिलता हैं- 
मान्यता है कि सोमनाथ के इस मंत्र के साथ पूजन व दर्शन मात्र से व्यक्ति के कुष्ठ व क्षय रोग मिट जाते हैं और यहां के कुंड में छह माह तक स्नान करने से असाध्य रोग नष्टï होते हैं।
मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग(श्रीशैलम, आंध्रप्रदेश)- 
श्रीशैलशृंगे विबुधातिसंगे तुलाद्रितुंगेऽपि मुदा वसन्तम्। 
तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेकं नमामि संसारसमुद्रसेतुम्।2।
क्या फल मिलता हैं-
धर्मग्रन्थों में यह महिमा बताई गई है कि श्रीशैल शिखर के इस मंत्र के साथ दर्शन मात्र से मनुष्य सब कष्ट दूर हो जाते हैं और अपार सुख प्राप्त कर जनम-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है यानी मोक्ष प्राप्त होता है ।   
श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग(उज्जैन, मध्यप्रदेश)- 
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्। 
अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।3।
क्या फल मिलता हैं- 
भगवान महाकालेश्वर को भक्ति, शक्ति एवं मुक्ति का देव माना जाता है । इसलिए इस ज्योर्तिलिंग मंत्र के स्मरण व इनके दर्शन मात्र से सभी कामनाओं की पूर्ति एवं मोक्ष प्राप्ति होती है। काल भय भी नहीं सताता। 

Tuesday, July 2, 2013

जानिए हनुमान चालीसा की किस चौपाई से क्या चमत्कार होते हैं

 

रामदूत अतुलित बलधामा।
अंजनिपुत्र पवनसुत नामा।
यदि कोई व्यक्ति इस चौपाई का जप करता है तो उसे शारीरिक कमजोरियों से मुक्ति मिलती है। इस पंक्ति का अर्थ यह है कि हनुमानजी श्रीराम के दूत हैं और अतुलित बल के धाम हैं। यानि हनुमानजी परम शक्तिशाली हैं
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा की केवल इस पंक्ति का जप करता है तो उसे सुबुद्धि की प्राप्ति होती है। इस पंक्ति का जप करने वाले लोगों के कुविचार नष्ट होते हैं और सुविचार बनने लगते हैं। बुराई से ध्यान हटता है और अच्छाई की ओर मन लगता है।
बिद्यबान गुनी अति चातुर।
रामकाज करीबे को आतुर।।
यदि किसी व्यक्ति को विद्या धन चाहिए तो उसे इस पंक्ति का जप करना चाहिए। इस पंक्ति के जप से हमें विद्या और चतुराई प्राप्त होती है। इसके साथ ही हमारे हृदय में श्रीराम की भक्ति भी बढ़ती है।
लाय संजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
इस पंक्ति का जप करने से भयंकर बीमारियों से भी मुक्ति मिल सकती है। यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त है और दवाओं का भी असर नहीं हो रहा है तो उसे भक्ति के साथ हनुमान चालीसा या इस पंक्ति का जप करना चाहिए। दवाओं का असर होना शुरू हो जाएगा, बीमारी धीरे-धीरे ठीक होने लगेगी।

Tuesday, May 28, 2013

ये हैं 7 चमत्कारी और आसान उपाय, अब बैड लक को कहें बाय-बाय

हर इंसान अपने दुर्भाग्य से पीछा छुड़ाना चाहता है लेकिन दुर्भाग्य से पीछा छुड़ाना इतना आसान नहीं होता क्योंकि जब समय बुरा होता है तो साया भी साथ छोड़ देता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका दुर्भाग्य, सौभाग्य में बदल जाए तो यह उपाय आपके दुर्भाग्य कौ सौभाग्य में बदल देंगे।1- नए कार्य, व्यवसाय, नौकरी, रोजगार आदि शुभ कार्यों के लिए जाते समय घर की कोई महिला एक मुठ्ठी काले उड़द उस व्यक्ति के ऊपर से उतार कर भूमि पर छोड़ दे तो हर कार्य में सफलता मिलती है।2- गरीब, असहाय, रोगी व किन्नरों की सहायता दान स्वरूप अवश्य करें। यदि संभव हो तो किन्नरों को दिए पैसे में से एक सिक्का वापस लेकर अपने कैश बॉक्स या लॉकर में रखें। इससे बहुत लाभ होगा।3- काली हल्दी की एक गांठ शुभ मुहूर्त में प्राप्त कर अपने घर में, व्यवसायी अपने कैश बॉक्स में तथा व्यापारी अपने गल्ले में रखें। इससे आपकी आमदनी दिनोंदिन बढ़ती जाएगी।4- रवि पुष्य नक्षत्र के शुभ मुहूर्त में बहेड़े की जड़ या एक पत्ता तथा शंखपुष्पी की जड़ लाकर घर में रखें। चांदी की डिब्बी में रखें तो और भी शुभ रहेगा।5- बरगद(बड़) के पत्ते को गुरु पुष्य या रवि पुष्य योग में लाकर उस पर हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें। यह ऐसे स्थान पर रखें जहां किसी की नजर न पड़े तो बहुत ही आपके सौभाग्य में वृद्धि होगी6- घर के मुख्य द्वार के ऊपर भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा अथवा चित्र इस प्रकार लगाएं कि उनका मुख घर के अंदर की ओर रहे। उस पर सुबह दूर्वा अवश्य अर्पित करें।7- धन संबंधी कार्य सोमवार एवं बुधवार को करें। इन दिनों में किया गया धन संबंधी कार्य शुभ फल प्रदान करते हैं। पैसा कहीं रुकता नहीं है और बढ़कर प्राप्त होता है।

Thursday, May 23, 2013

हनुमानचालीसा की इन 2 चौपाइयों का फौरन होता है असर, नहीं टिकती परेशानी

श्रीहनुमान भक्ति के लिए सबसे असरदार व लोकप्रिय स्तुति श्रीहनुमान चालीसा है। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी श्रीहनुमान चालीसा हर चौपाई सारे दु:ख व बाधाओं को जड़ से उखाड़ फेंकने में बेहद अचूक मानी गई है। यही वजह है कि धर्म आस्था से ये चौपाइयां देव मंत्रों की तरह ही स्मरणीय व संकटनाशक हैं। 
वैसे तो श्रीहनुमान चालीसा की 40 चौपाइयां ही चमत्कारी मानी जाती हैं, पर इनमें से 2 खास चौपाइयां श्रीहनुमान भक्ति से कार्य विशेष में सफलता या किसी भी अनहोनी के वक्त हर भय, संशय, संकट और चिंताओं को फौरन कामयाब व खुशहाल बनाने की चाहत पूरी करती हैं।
श्रीहनुमान चालीसा की 36 व 37वीं चौपाइयां वैशाख माह के विष्णु भक्ति के काल में भी मंगलकारी होगी। क्योंकि श्रीहनुमान, रामदूत पुकारे जाते हैं  और श्रीराम भगवान विष्णु के ही अवतार माने गए हैं। यही नहीं, हर रोज काम पर जाते वक्त भी बोलें तो मन ही मन बोलें तो दिन अच्छा गुजरता है। तस्वीरों के साथ जानिए ये चौपाइयां -
 
संकट कटै-मिटे सब पीरा। जौ सुमिरै हनुमत बलबीरा। 
जै जै जै हनुमान गौसाईं। कृपा करहु गुरु देव की नाईं।। 
 
- यथासंभव वक्त निकाल इन चौपाइयों के स्मरण से पहले श्रीहनुमान की सिंदूर लगाकर पूजा के बाद नारियल व गुड़-चने का भोग लगाएं। धूप व दीप से आरती करें। 

पीपल के पेड़ के इतने फायदे जानकर आप भी मानेंगे इसे चमत्कारी

हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष को बहुत ही पवित्र माना गया है। ऐसी मान्यता है कि जिसके घर में पीपल का वृक्ष होता है उसके घर कभी दरिद्रता नहीं आती और सुख-शांति बनी रहती है। विज्ञान ने भी पीपल के वृक्ष के महत्व को माना है। यहां हम आपको बता रहे हैं पीपल के वृक्ष से जुड़े कुछ तंत्र उपाय, जिससे आपकी कई समस्याओं का निदान हो जाएगा।
शनि दोष से बचने के लिए
शनि दोष निवारण के लिए भी पीपल की पूजा करना श्रेष्ठ उपाय है। यदि रोज पीपल पर जल चढ़ाया जाए तो शनि दोष की शांति होती है। शनिवार की शाम  पीपल के नीचे दीपक लगाएं और पश्चिममुखी होकर शनिदेव की पूजा करें तो और भी लाभकारी होता है।
धन प्राप्ति के लिए
पीपल के पेड़ के नीचे शिव प्रतिमा स्थापित करके उस पर प्रतिदिन जल चढ़ाएं और पूजन-अर्चन करें। कम से कम 5 या 11 माला मंत्र का जप(ऊँ नम: शिवाय) करें। कुछ दिन नियमित साधना के बाद परिणाम आप स्वयं अनुभव करेंगे। प्रतिमा को धूप-दीप से शाम को भी पूजना चाहिए।
हनुमानजी की कृपा पाने के लिए
हनुमानजी की कृपा पाने के लिए भी पीपल के वृक्ष की पूजा करना शुभ होता है। पीपल के वृक्ष के नीचे नियमित रूप से बैठकर हनुमानजी का पूजन, स्तवन करने से हनुमानजी प्रसन्न होते हैं और साधक की हर मनोकामना पूरी करते हैं।

Saturday, May 18, 2013

आपकी किस्मत चमका सकते हैं श्रीगणेश के ये रूप, जानिए खास बातें-------
धर्म शास्त्रों के अनुसार सप्ताह के सातों दिन के अलग-अलग स्वामी हैं। उसके अनुसार बुधवार के स्वामी भगान श्रीगणेश हैं इसलिए अगर इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो किसी की भी किस्मत चमक सकती है। 
तंत्र शास्त्र में भगवान श्रीगणेश के कई रूपों की आराधना विशेष कार्य सिद्धियों के लिए की जाती है। श्रीगणेश के इन रूपों में किसी एक का भी बुधवार को विधि-विधान से पूजन कर घर में स्थापित किया जाए तो कुछ ही समय में आपकी किस्मत चमक सकती हैं। सफेद आंकड़े के गणेश- तंत्र क्रियाओं में सफेद आंकड़ा (एक प्रकार का पौधा) की जड़ से निर्मित श्रीगणेश का विशेष महत्व है। इसे श्वेतार्क गणपति भी कहते हैं। कई टोने-टोटकों में श्रीगणेश के इस स्वरूप का उपयोग किया जाता है। श्वेतार्क गणपति को घर में स्थापित कर विधि-विधान से पूजा करने पर घर में किसी ऊपरी बाधा का असर नहीं होता।मूंगा गणेश- मूंगा सिंदूरी रंग का एक रत्न होता है। इससे निर्मित श्रीगणेश की प्रतिमा को पूजा स्थान पर स्थापित करने व नित्य पूजा करने से शत्रुओं का भय समाप्त हो जाता है साथ ही इससे बने श्रीगणेश अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं।पन्ने के गणेश- पन्ना भी हरे रंग का एक रत्न होता है। इससे निर्मित श्रीगणेश की प्रतिमा की पूजा स्थान पर स्थापित कर विधि-विधान से पूजा करने पर बुद्धि व यश प्राप्त होता है। विद्यार्थियों के लिए पन्ने के गणेशजी की पूजा करना श्रेष्ठ है चांदी के गणेश- जो लोग धन की इच्छा रखते हैं, उन्हें चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा की पूजा करना चाहिए। इन्हें पूजा घर में स्थापित कर दूर्वा चढ़ाने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और धन की आगमन भी तेजी से होने लगता है। इनकी पूजा करने से जीवन का सुख प्राप्त होता हैचंदन की लकड़ी के गणेश- चंदन की लकड़ी से निर्मित श्रीगणेश की प्रतिमा घर में कहीं भी स्थापित कर सकते हैं। इससे घर में किसी प्रकार की विपदा नहीं आती साथ ही परिवार के सदस्यों में सामंजस्य बना रहता है व पारिवारिक माहौल खुशहाल रहता है।पारद गणेश- धन-संपत्ति प्राप्ति के लिए पारद यानी पारे से निर्मित गणेश प्रतिमा की पूजा भी की जाती है। यदि किसी ने आपके घर पर या घर के किसी सदस्य पर तंत्र प्रयोग किया हो तो पारद गणेश की पूजा से उसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता।
 
 

Thursday, May 2, 2013


                 नौकरी मिल जाएगी और मालामाल हो जाएंगे करें ये छोटा सा उपाय----------

                  जिंदगी को सही ढंग से जीने के लिए सही रोजगार ही नहीं बल्कि पर्याप्त धन की भी आवश्यकता होती है। ऐसे में जीवन को संपूर्णता के साथ जीने के लिए हर इंसान को एक अच्छा कमाई का जरिया व धन की जरुरत होती है। अगर आप अपनी नौकरी या व्यवसाय से संतुष्ट नहीं है। अच्छी नौकरी की तलाश तो हैं पर मिल नहीं रही या आर्थिक कमजोरी के कारण दुखी हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं। रामचरितमानस नामक ग्रंथ की दो ऐसी चौपाईयां जिन्हें बोलने से नौकरी व धन प्राप्त होता है।विशेष- अगर जल्द ही इस चौपाई से मिलने वाले सुपरिणाम को जानना हो तो मनोकामना पूरी होने तक राम दरबार की पूजा करें और फिर धूप दीप व प्रसाद के साथ भगवान का आर्शीवाद लें और 108 बार चौपाई का जप करें |

विशेष- अगर जल्द ही इस चौपाई से मिलने वाले सुपरिणाम को जानना हो तो मनोकामना पूरी होने तक राम दरबार की पूजा करें और फिर धूप दीप व प्रसाद के साथ भगवान का आर्शीवाद लें और 108 बार चौपाई का जप करें ।                 नौकरी पाने के लिए -

बिस्व भरण पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत जस होई।।

                       धन-दौलत, सम्पत्ति पाने के लिए -

जे सकाम नर सुनहि जे गावहि।सुख संपत्ति नाना विधि पावहि।।

Wednesday, April 24, 2013

घर पर अचानक आए मुसीबत तो हनुमानजी के सामने इस मंत्र से लगा दें दीपक

श्रीहनुमान रुद्र के ग्यारहवें अवतार माने गए हैं। रुद्र यानी दु:खों का नाश करने वाले देवता। शिव का यह रूप कल्याणकारी माना गया है। शास्त्र भी कहते हैं कि शिव ही परब्रह्म है, जो अलग-अलग रूपों में जगत की रचना, पालन और संहार शक्तियों का नियंत्रण करते हैं । 
 शिव के प्रति इस भाव व आस्था से ही श्रीहनुमान की पूजा भी दोष, कष्ट, बाधाओं व घर-परिवार पर अचानक आए संकट को टालने वाली मानी गई है। 
 ऐसी ही मंगल की कामना से चैत्र शुक्ल पूर्णिमा यानी हनुमान जयंती के अलावा परिवार, काम या कारोबार पर अचानक आए संकट को टालने के लिए हनुमान पूजा के लिए यहां बताया जा रहा अचूक उपाय अपनाए एक ऐसा, जो न केवल आसान है, बल्कि संकटमोचक भी है। यह उपाय है - तेल का दीप लगाकर मंत्र विशेष का ध्यान
श्रीहनुमानजी की पूजा सिंदूर, अक्षत, फूल अर्पित करें और धूप व दीप से पूजा करें। 
 
- पूजा में सरसों या तिल के तेल का दीप लगाएं। दीपक लगाते वक्त यह दीप मंत्र बोलें - 
 
साज्यं च वर्तिसं युक्त वह्निना योजितं मया। 
 
दीपं गृहन्तु देवेशास्त्रैलौक्यतिमिरापहम्।। 
 
- दीप लगाने के बाद इस हनुमान मंत्र का यथाशक्ति जप करने के बाद इस दीप से आरती करें - 
 
ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् 
 
- आरती के बाद मंत्र जप, पूजा या आरती में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे और अनिष्ट शांति की कामना करें।
 

Tuesday, April 23, 2013

वर्तमान समय में विवाह आसानी से नहीं हो पाता। कभी लड़की अच्छी नहीं मिलती तो कभी लड़का ठीक नहीं लगता। आपका विवाह कब होगा? इस प्रश्न का उत्तर आप श्रीहनुमान ज्योतिष यंत्र से जान सकते हैं। इस यंत्र के उपयोग की विधि जानने के लिए इस आर्टिकल के पहले फोटो पर क्लिक करें।
1- दक्षिण दिशा में विवाह का योग है लेकिन अभी देरी है।
2- शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूरी होगी।
3- विवाह में बाधाएं आएंगी।
4- शिव-गौरी का पूजन करें तथा मंगलस्त्रोत का पाठ करें।
5- दो वर्ष के बाद विवाह का योग है।
6- अभी विवाह में अड़चने हैं।
7- शीघ्र ही विवाह होगा।
कभी-कभी रोग इंसान को इतना परेशान कर देते हैं कि वह अपने आप को असहाय समझने लगता है। यदि आप भी किसी रोग से पीडि़त हैं और यह जानना चाहते हैं कि इस रोग से आपको कब मुक्ति मिलेगी तो श्रीहनुमान ज्योतिष यंत्र से आप इस प्रश्न का उत्तर पा सकते हैं। यंत्र के उपयोग की विधि जानने के लिए इस आर्टिकल के पहले फोटो पर क्लिक करें
1- रोग का उपाय करें, लाभ मिलेगा।
2- भक्ति में ही शक्ति है, इष्टदेव की भक्ति एवं उपासना करें। रोग से मुक्ति मिलेगी।
3- रोग गंभीर है, भारी परेशानी रहेगी।
4- अभी स्वस्थ होने में कम से कम छ: माह लगेंगे।
5- उपचार में परिवर्तन करें, शीघ्र लाभ मिलेगा।
6- दूसरे स्थान पर जाएं, जलवायु बदलने से लाभ मिलेगा।
7- प्रारब्ध का फल है। मुक्ति मिलना कठिन है।

Sunday, April 21, 2013

हर रोज यह लक्ष्मी मंत्र बोलने से दूर रहते हैं पैसे व नौकरी के संकट

हिन्दू धर्म में महालक्ष्मी सुख और ऐश्वर्य की देवी मानी गई है। इनकी उपासना और प्रसन्नता से धन ही नहीं धन पाने के कई रास्ते खुल जाते हैं। घर-परिवार रोगमुक्त, समृद्ध और खुशहाल हो जाता है। 
धन और काम की कमी दूर करने के लिए ही यहां बताया जा रहा है एकादशी, पूर्णिमा के अलावा हर रोज भी किए जाने वाला महालक्ष्मी मंत्र और पूजा का सरल उपाय, जिससे जीवन में धन और रोजगार का अभाव कभी नहीं सताएगा
- हर सुबह, खासतौर एकादशी, पूर्णिमा व शुक्रवार की शाम को भी स्नान कर घर या देवी मंदिर में महालक्ष्मी की पूजा करें। 
- पूजा में माता लक्ष्मी को लाल सामग्रियों का विशेष तौर पर चढ़ाएं, जिनमें लाल गंध, लाल अक्षत, लाल वस्त्र, लाल फूल प्रमुख है। खीर या मौसमी फलों में अनार का भोग लगाएं। 
- पूजा के बाद महालक्ष्मी का नीचे लिखे मंत्र से आवाहन व जप आर्थिक संकटों से रक्षा की कामना के साथ करें -
 विष्णुप्रिये नमोस्तुभ्यं नमोस्तुभ्यं जगद्वते
आर्तहंत्री नमोस्तुभ्यं समृद्धं कुरु में सदा। 
नमो नमोस्तु महामाये श्रीपीठे सुर पूजिते
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी: नमोस्तुते।
- आवाहन मंत्र के बाद इस मंत्र का यथाशक्ति एकाग्रता से जप करें - 
 
ऊँ श्रीं श्रियै नम: 
 
- पूजा के बाद माता की घी के दीप से आरती करें। पूजा, मंत्र जप और आरती में हुई गलती के लिये क्षमा मांगे। प्रसाद जरूर ग्रहण करें। 

Saturday, April 13, 2013

दुर्गासप्तशती के किस जादुई मंत्र से होता है कौन सा काम?

ज़िंदगी में वक्त गुजरने के साथ जिम्मेदारियां भी बढ़ती है, इस बात को गंभीरता से समझ कर्तव्यों को पूरा करना आसान बनाया जा सकता है। ऐसा करना पक्के इरादों व आत्मनिर्भरता की भावना से ही संभव है। शास्त्रों की सीखों पर भी व्यावहारिक नजरिए से गौर करें तो हर इंसान पर यह बात लागू होती है कि उम्र के एक पड़ाव पर परिवार हो या कार्यक्षेत्र हर जगह पैर जमाकर ही सुखी व सफल जीवन सुनिश्चित किया जा सकता है। वहीं, धार्मिक परंपराओं में ऐसी मानसिक शक्ति बटोरने के लिए खासतौर पर दुर्गासप्तशती के मंगलकारी मंत्रों को बोलना बड़ा ही अचूक उपाय बताया गया है। ये मंत्र सुख-समृद्धि के साथ सौभाग्य बरसाने वाले भी माने गए हैं।अगर आप भी पैसों की जरूरत को पूरी करना चाहते हैं, घर-परिवार में खुशहाली चाहते हैं या फिर कार्यक्षेत्र में तरक्की चाहते हैं तो अगली तस्वीरों पर क्लिक कर जानिए दुर्गासप्तशती के ऐसे ही 5 चमत्कारी मंत्र व देवी पूजा का आसान तरीका -सुबह-शाम स्नान के बाद लाल वस्त्र पर विराजित देवी लक्ष्मी या दुर्गा की तस्वीर पर कुंकुम, अक्षत, लाल फूल अर्पित करें। माता को गाय के घी से बने पकवानों का भोग लगाएं। धूप व दीप जलाकर अगली तस्वीरों के साथ बताए जा रहे मंत्रों का स्मरण करें हाथ में लाल फूल व अक्षत लेकर करें। मंत्र जप कम से कम 108 बार करना भी बहुत शुभ होता है। जानिए किस विशेष इच्छा के लिए कौन सा मंत्र चमत्कारी सिद्ध होगा -भाग्य बाधा दूर करने व सौभाग्य की कामना से इस मंत्र का स्मरण करें-
देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि में परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि।।
अभाव, दरिद्रता या दुःख दूर करने के लिए नीचे लिखा मंत्र बोलें -
 दुर्गे स्मृता हरसि भीतिशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्रयःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्दचित्ता।
हर सुख व खुशहाली पाने के लिए इस मंत्र का स्मरण करें-
ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

Friday, April 12, 2013

 नवरात्रि शुरू, जानिए वो उपाय जो पूरी करेंगे आपकी हर इच्छा

अचानक धन लाभ के लिए टोटका
- नवरात्रि के दौरान किसी भी दिन सभी कार्यों से निवृत्त होकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके पीले आसन पर बैठ जाएं। अपने सामने तेल के 9 दीपक जला लें। ये दीपक साधनाकाल तक जलते रहने चाहिए। दीपक के सामने लाल चावल की एक ढेरी बनाएं फिर उस पर एक श्रीयंत्र रखकर उसका कुंकुम, फूल, धूप, तथा दीप से पूजन करें। उसके बाद एक प्लेट पर स्वस्तिक बनाकर उसे अपने सामने रखकर उसका पूजन करें। श्रीयंत्र को अपने पूजा स्थल पर स्थापित कर लें और शेष सामग्री को नदी में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग से आपको अचानक धन लाभ होगा।
शीघ्र विवाह के लिए उपाय
- नवरात्रि में शिव-पार्वती का एक चित्र अपने पूजास्थल में रखें और उनकी पूजा-अर्चना करने के पश्चात नीचे लिखे मंत्र का 3, 5 अथवा 10 माला जप करें। जप के पश्चात भगवान शिव से विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें-मंत्र
ऊँ शं शंकराय सकल-जन्मार्जित-पाप-विध्वंसनाय,
पुरुषार्थ-चतुष्टय-लाभाय च पतिं मे देहि कुरु कुरु स्वाहा।।