ममलेश्वर-ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग(इंदौर, मध्यप्रदेश ) - 2
कावेरिकानर्मदयो: पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय।
सदैव मान्धातृपुरे वसन्तमोंकारमीशं शिवमेकमीडे।4।
क्या फल मिलता हैं-
इस मंत्र के साथ ज्योतिर्लिंङ्ग के दर्शन मात्र से व्यक्ति सभी कामनाएं पूर्ण होती है। इसका उल्लेख ग्रंथों में भी मिलता है- शंकर का चौथा अवतार ओंकारनाथ है। यह भी भक्तों के समस्त इच्छाएं पूरी करते हैं। और अंत में सद्गति प्रदान करते हैं।
क्या फल मिलता हैं-
इस मंत्र के साथ ज्योतिर्लिंङ्ग के दर्शन मात्र से व्यक्ति सभी कामनाएं पूर्ण होती है। इसका उल्लेख ग्रंथों में भी मिलता है- शंकर का चौथा अवतार ओंकारनाथ है। यह भी भक्तों के समस्त इच्छाएं पूरी करते हैं। और अंत में सद्गति प्रदान करते हैं।
श्रीवैद्यनाथ ज्योर्तिलिंग(परली,महाराष्ट्र)-
पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसन्तं गिरिजासमेतम्।
सुरासुराराधितपादपद्मं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि।5।
क्या फल मिलता हैं-
वैद्यनाथ न केवल कुष्ठï रोग से लोगों को मुक्त करते हैं बल्कि वे सभी रोगों को दूर करते हैं। इसी कारण बुरा व्यक्ति भी इनके दर्शन से अच्छा बनने लगता है। उसमें आध्यात्मिक गुणों का विकास होने लगता है और सद्गति प्राप्त होती है। ये वैद्य से भी बढक़र हैं। संभवत: इसी कारण इनका नाम वैद्यनाथ पड़ा।
क्या फल मिलता हैं-
वैद्यनाथ न केवल कुष्ठï रोग से लोगों को मुक्त करते हैं बल्कि वे सभी रोगों को दूर करते हैं। इसी कारण बुरा व्यक्ति भी इनके दर्शन से अच्छा बनने लगता है। उसमें आध्यात्मिक गुणों का विकास होने लगता है और सद्गति प्राप्त होती है। ये वैद्य से भी बढक़र हैं। संभवत: इसी कारण इनका नाम वैद्यनाथ पड़ा।
श्री भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग(डाकिनी, महाराष्ट्र)-
यं डाकिनीशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च।
सदैव भीमादिपदप्रसिद्धं तं शंकरं भक्तहितं नमामि।6।
क्या फल मिलता हैं-
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंङ्ग के इस मंत्र के साथ दर्शन, स्मरण व पूजा करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां पवित्र नदी भी है। कहा जाता है कि भगवान जनार्दन ही इसमें जल के रूप में हैं।
क्या फल मिलता हैं-
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंङ्ग के इस मंत्र के साथ दर्शन, स्मरण व पूजा करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां पवित्र नदी भी है। कहा जाता है कि भगवान जनार्दन ही इसमें जल के रूप में हैं।
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