वर्तमान समय में विवाह आसानी से नहीं हो पाता। कभी लड़की अच्छी नहीं मिलती तो कभी लड़का ठीक नहीं लगता। आपका विवाह कब होगा? इस प्रश्न का उत्तर आप श्रीहनुमान ज्योतिष यंत्र से जान सकते हैं। इस यंत्र के उपयोग की विधि जानने के लिए इस आर्टिकल के पहले फोटो पर क्लिक करें।
1- दक्षिण दिशा में विवाह का योग है लेकिन अभी देरी है।
2- शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूरी होगी।
3- विवाह में बाधाएं आएंगी।
4- शिव-गौरी का पूजन करें तथा मंगलस्त्रोत का पाठ करें।
5- दो वर्ष के बाद विवाह का योग है।
6- अभी विवाह में अड़चने हैं।
7- शीघ्र ही विवाह होगा।
कभी-कभी रोग इंसान को इतना परेशान कर देते हैं कि वह अपने आप को असहाय समझने लगता है। यदि आप भी किसी रोग से पीडि़त हैं और यह जानना चाहते हैं कि इस रोग से आपको कब मुक्ति मिलेगी तो श्रीहनुमान ज्योतिष यंत्र से आप इस प्रश्न का उत्तर पा सकते हैं। यंत्र के उपयोग की विधि जानने के लिए इस आर्टिकल के पहले फोटो पर क्लिक करें
1- रोग का उपाय करें, लाभ मिलेगा।
2- भक्ति में ही शक्ति है, इष्टदेव की भक्ति एवं उपासना करें। रोग से मुक्ति मिलेगी।
3- रोग गंभीर है, भारी परेशानी रहेगी।
4- अभी स्वस्थ होने में कम से कम छ: माह लगेंगे।
5- उपचार में परिवर्तन करें, शीघ्र लाभ मिलेगा।
6- दूसरे स्थान पर जाएं, जलवायु बदलने से लाभ मिलेगा।
7- प्रारब्ध का फल है। मुक्ति मिलना कठिन है।
1- दक्षिण दिशा में विवाह का योग है लेकिन अभी देरी है।
2- शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूरी होगी।
3- विवाह में बाधाएं आएंगी।
4- शिव-गौरी का पूजन करें तथा मंगलस्त्रोत का पाठ करें।
5- दो वर्ष के बाद विवाह का योग है।
6- अभी विवाह में अड़चने हैं।
7- शीघ्र ही विवाह होगा।
कभी-कभी रोग इंसान को इतना परेशान कर देते हैं कि वह अपने आप को असहाय समझने लगता है। यदि आप भी किसी रोग से पीडि़त हैं और यह जानना चाहते हैं कि इस रोग से आपको कब मुक्ति मिलेगी तो श्रीहनुमान ज्योतिष यंत्र से आप इस प्रश्न का उत्तर पा सकते हैं। यंत्र के उपयोग की विधि जानने के लिए इस आर्टिकल के पहले फोटो पर क्लिक करें
1- रोग का उपाय करें, लाभ मिलेगा।
2- भक्ति में ही शक्ति है, इष्टदेव की भक्ति एवं उपासना करें। रोग से मुक्ति मिलेगी।
3- रोग गंभीर है, भारी परेशानी रहेगी।
4- अभी स्वस्थ होने में कम से कम छ: माह लगेंगे।
5- उपचार में परिवर्तन करें, शीघ्र लाभ मिलेगा।
6- दूसरे स्थान पर जाएं, जलवायु बदलने से लाभ मिलेगा।
7- प्रारब्ध का फल है। मुक्ति मिलना कठिन है।
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