दुर्गासप्तशती के किस जादुई मंत्र से होता है कौन सा काम?
ज़िंदगी में वक्त गुजरने के साथ जिम्मेदारियां भी बढ़ती है, इस बात को गंभीरता से समझ कर्तव्यों को पूरा करना आसान बनाया जा सकता है। ऐसा करना पक्के इरादों व आत्मनिर्भरता की भावना से ही संभव है। शास्त्रों की सीखों पर भी व्यावहारिक नजरिए से गौर करें तो हर इंसान पर यह बात लागू होती है कि उम्र के एक पड़ाव पर परिवार हो या कार्यक्षेत्र हर जगह पैर जमाकर ही सुखी व सफल जीवन सुनिश्चित किया जा सकता है। वहीं, धार्मिक परंपराओं में ऐसी मानसिक शक्ति बटोरने के लिए खासतौर पर दुर्गासप्तशती के मंगलकारी मंत्रों को बोलना बड़ा ही अचूक उपाय बताया गया है। ये मंत्र सुख-समृद्धि के साथ सौभाग्य बरसाने वाले भी माने गए हैं।अगर आप भी पैसों की जरूरत को पूरी करना चाहते हैं, घर-परिवार में खुशहाली चाहते हैं या फिर कार्यक्षेत्र में तरक्की चाहते हैं तो अगली तस्वीरों पर क्लिक कर जानिए दुर्गासप्तशती के ऐसे ही 5 चमत्कारी मंत्र व देवी पूजा का आसान तरीका -सुबह-शाम स्नान के बाद लाल वस्त्र पर विराजित देवी लक्ष्मी या दुर्गा की तस्वीर पर कुंकुम, अक्षत, लाल फूल अर्पित करें। माता को गाय के घी से बने पकवानों का भोग लगाएं। धूप व दीप जलाकर अगली तस्वीरों के साथ बताए जा रहे मंत्रों का स्मरण करें हाथ में लाल फूल व अक्षत लेकर करें। मंत्र जप कम से कम 108 बार करना भी बहुत शुभ होता है। जानिए किस विशेष इच्छा के लिए कौन सा मंत्र चमत्कारी सिद्ध होगा -भाग्य बाधा दूर करने व सौभाग्य की कामना से इस मंत्र का स्मरण करें-
देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि में परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि।।
अभाव, दरिद्रता या दुःख दूर करने के लिए नीचे लिखा मंत्र बोलें -
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्रयःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्दचित्ता।
हर सुख व खुशहाली पाने के लिए इस मंत्र का स्मरण करें-
ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
No comments:
Post a Comment