रामेश्वरम् ज्योर्तिलिंग(तमिलनाडु)- सुताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसंख्यै:। 3
श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि।7।
क्या फल मिलता हैं-
इस मंत्र के साथ ज्योतिर्लिङ्ग दर्शन, स्मरण व पूजा कर गंगाजल चढ़ाने वाले के सभी दु:ख दूर होते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि दूध, दही और नारियल के जल से ज्योतिर्लिङ्ग को स्नान कराने वाले व्यक्ति की कई पीढिय़ों का उद्धार होता है।
श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि।7।
क्या फल मिलता हैं-
इस मंत्र के साथ ज्योतिर्लिङ्ग दर्शन, स्मरण व पूजा कर गंगाजल चढ़ाने वाले के सभी दु:ख दूर होते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि दूध, दही और नारियल के जल से ज्योतिर्लिङ्ग को स्नान कराने वाले व्यक्ति की कई पीढिय़ों का उद्धार होता है।
श्री नागेश्वर ज्योर्तिलिंग(दारुकावन,महाराष्ट्र)
याम्ये सदंगे नगरेतिऽरम्ये विभूषितांगम् विविधैश्च भोगै:।
सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये।8।
क्या फल मिलता हैं- इस मंत्र के साथ नागेश ज्योतिर्लिंङ्ग के दर्शन व पूजन से तीनों लोकों की कामनाएं पूरी होती हैं। इसका उल्लेख शिवपुराण में भी है। कि ऐसा करने से सभी दु:ख दूर होते हैं और उसे सुख-समृद्धि मिलती है। केवल दर्शन मात्र से ही पापों से छुटकारा मिल जाता है।
क्या फल मिलता हैं- इस मंत्र के साथ नागेश ज्योतिर्लिंङ्ग के दर्शन व पूजन से तीनों लोकों की कामनाएं पूरी होती हैं। इसका उल्लेख शिवपुराण में भी है। कि ऐसा करने से सभी दु:ख दूर होते हैं और उसे सुख-समृद्धि मिलती है। केवल दर्शन मात्र से ही पापों से छुटकारा मिल जाता है।
श्री विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग(वाराणसी)-
सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम्।
वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये।9।
क्या फल मिलता हैं- इस मंत्र के साथ विश्वेश्वर के दर्शन के बाद व्यक्ति को सुख, समृद्धि और मोक्ष प्राप्त होता है। कहते हैं कि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिङ्गï को स्पर्श यानि छूने भर से ही राजसूय यज्ञ का फल मिलता है। पंचामृत आदि से पूजा करने वाले व्यक्ति को अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो दर्शनार्थी उपवास करके ब्राह्मïणों को संतुष्टï करता है उसे सौत्रामणि यज्ञ का फल मिलता है। नारद पुराण के मुताबिक दर्शन के बाद ब्राह्मïण को दान देने से व्यक्ति की उन्नति होती है। शिव पुराण में उल्लेख है यह ज्योतिर्लिङ्गï मुक्ति और भुक्ति यानी शिव भक्तों को सभी तरह के सुख-समृद्धि मिलती है। उनके पावन नाम का जप करने वाले भक्त कर्म बंधन से छूटकर मोक्ष पद के अधिकारी हो जाते हैं।
क्या फल मिलता हैं- इस मंत्र के साथ विश्वेश्वर के दर्शन के बाद व्यक्ति को सुख, समृद्धि और मोक्ष प्राप्त होता है। कहते हैं कि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिङ्गï को स्पर्श यानि छूने भर से ही राजसूय यज्ञ का फल मिलता है। पंचामृत आदि से पूजा करने वाले व्यक्ति को अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो दर्शनार्थी उपवास करके ब्राह्मïणों को संतुष्टï करता है उसे सौत्रामणि यज्ञ का फल मिलता है। नारद पुराण के मुताबिक दर्शन के बाद ब्राह्मïण को दान देने से व्यक्ति की उन्नति होती है। शिव पुराण में उल्लेख है यह ज्योतिर्लिङ्गï मुक्ति और भुक्ति यानी शिव भक्तों को सभी तरह के सुख-समृद्धि मिलती है। उनके पावन नाम का जप करने वाले भक्त कर्म बंधन से छूटकर मोक्ष पद के अधिकारी हो जाते हैं।
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