LORD VISHNU LAXMI

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Tuesday, December 6, 2011

जैसा चिंतन वैसा प्रवाह

मनुष्य जैसा चिंतन करता है,सोचता है, उससे वैसी ही क्रिया होने लगती है और वह क्रमशः वैसे
ही वातावरण से घिर जाता है| इसीलिए अनेकानेक विचारको ने निष्कर्ष दिए है की आप हमेशा
अच्छा और सकारात्मक सोचें जिससे की आपके चारों ओर का वातावरण खुशहाल बना रहे
और आप अपनी मंजिल की तरफ लगातार बढ़ते रहे|

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