समय प्रकृति में अपनी नेसर्गिक अवस्था में व्याप्त है और अनवरत रूप से
गतिशील भी है|इसे देखा नहीं जा सजाता,पर इसकी गणितीय व्याख्या
की जा सकती है|वैज्ञानिक समीकरणों की माने तो एक गति में चलने से
समय के पार भी जाया जा सकता है|रोजमर्रा की जिन्दगी में समय का
महत्व इतना अधिक है कि जिन्दगी को खुशियों,उपलब्धियों व् संवेदनाओ
के जरिये नहीं आँका जाता,बल्कि हम समय के फीते से इसे नापने लगते
हैं इससे जुडी कई बातों को समय के लिहाज से ही परखते समझते
है| .................देवाशीष प्रसून
No comments:
Post a Comment