LORD VISHNU LAXMI

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Sunday, March 4, 2012

घर के बाहर नए आसमान की तलाश

धरती की कोख में रोपकर एक बीज हम मांगेंगे आकाश से, एक बूंद एक दाना ऐसा जो, भर
सके करोड़ों का पेट, भरपेट जो हो अपना, जिसके गर्भ से आती हो मुट्टी की गंध अपनी सी।
कभी राजस्थान की चौपालों पर बड़ा सा घूँघट काढ़कर एक कोने में बैठी महिला सरपंच मूकदर्शक
बनी पंचायत की कार्यवाही देखा करती थी,लेकिन अब ये बीते जमाने की बात हो गयी है।महिला
सरपंचों द्वारा उनकी पंचायत में किये गए कर्यों की चर्चा अब दूर-दूर तक है............गीता यादव

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