हम सबके अपने भय हैं ,जो अलग अलग मनस्थितियों और परिस्थितियों से उपज सकते है| कई बार भय हमारी इच्छाओं से पैदा होते है, कई बार बचपन की कुछ स्मृतियों से, तो कई बार हमारी कमजोरियों से भी,लेकिन सबसे बड़ा सत्य यह है कि कभी न कभी हमारा डर हमारे सामने साक्षात आकर खड़ा हो जाता है .........मयंक
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