जब माता -पिता ही अपनी सभ्यता-संस्कृति से परिचित नहीं होंगे तो यहीं पर संस्कृति से जुड़ा
भटकाव शुरू हो जायेगा.....पीढ़ियों में टकराव का आधार यही है कि हम अपनी परवरिश में अपनी
सभ्यता-संस्कृति की जगह दूसरी संस्कृति को लाते हैं......जब तक हम ये समझते हैं कि दूसरी संस्कृति के पीछे भाग कर हमने अपने बच्चों को क्या गलत बातें बता दीं,तब तक इतनी देर हो चुकी होती है कि सुधार कि कोई गुन्जाईस नहीं रह जाती....................अमृता अय्यर
भटकाव शुरू हो जायेगा.....पीढ़ियों में टकराव का आधार यही है कि हम अपनी परवरिश में अपनी
सभ्यता-संस्कृति की जगह दूसरी संस्कृति को लाते हैं......जब तक हम ये समझते हैं कि दूसरी संस्कृति के पीछे भाग कर हमने अपने बच्चों को क्या गलत बातें बता दीं,तब तक इतनी देर हो चुकी होती है कि सुधार कि कोई गुन्जाईस नहीं रह जाती....................अमृता अय्यर
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