LORD VISHNU LAXMI

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Sunday, July 28, 2013

त्र्यम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग(नासिक)-                                                                                      4
सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरीतीरपवित्रदेशे। 
यद्दर्शनात् पातकमाशु नाशं प्रयाति तं त्रयम्बकमीशमीडे।10।
क्या फल मिलता हैं- त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिङ्ग के इस मंत्र स्मरण के साथ दर्शन और उनको स्पर्श करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। व्यक्ति को मोक्षपद प्राप्त होता है । इनका पूजन करने वालों को लोक-परलोक में सदा आनन्द रहता है ।
श्री केदारनाथ ज्योर्तिलिंग(उत्तरांचल)- 
महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः। 
सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यै: केदारमीशं शिवमेकमीडे।11।
क्या फल मिलता हैं- केदारनाथ ज्योर्तिलिंग को कड़ा चढ़ाने की परंपरा है। इस मंत्र का स्मरण कर कड़ा चढ़ाने वाले व्यक्ति को दु:ख नहीं होता और मोक्ष की प्राप्ति होती है। केदारनाथ के दर्शन के बाद यहां का पानी पीने का भी महत्व है।
श्रीघृष्णेश्वर ज्योर्तिलिंग(एलोरा) 
इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन् समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम्। 
वन्दे महोदारतरं स्वभावं घृष्णेश्वराख्यं शरणं प्रपद्ये ।12। 
ज्योतिर्मयद्वादशलिंगकानां शिवात्मनां प्रोक्तमिदं क्रमेण। 
स्तोत्रं पठित्वा मनुजोऽतिभक्त्या फलं तदालोक्य निजं भजेच्च॥
क्या फल मिलता हैं- 
घुश्मेश्वर के दर्शन व पूजन से व्यक्ति के सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और उसका जीवन सुखमय हो जाता है। साथ ही सारे पाप नष्टï होते हैं ।
 
 
रामेश्वरम् ज्योर्तिलिंग(तमिलनाडु)- सुताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसंख्यै:।      3
श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि।7।
क्या फल मिलता हैं- 
इस मंत्र के साथ ज्योतिर्लिङ्ग दर्शन, स्मरण व पूजा कर गंगाजल चढ़ाने वाले के सभी दु:ख दूर होते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि दूध, दही और नारियल के जल से ज्योतिर्लिङ्ग को स्नान कराने वाले व्यक्ति की कई पीढिय़ों का उद्धार होता है।
श्री नागेश्वर ज्योर्तिलिंग(दारुकावन,महाराष्ट्र) 
याम्ये सदंगे नगरेतिऽरम्ये विभूषितांगम् विविधैश्च भोगै:। 
सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये।8।
क्या फल मिलता हैं- इस मंत्र के साथ नागेश ज्योतिर्लिंङ्ग के दर्शन व पूजन से तीनों लोकों की कामनाएं पूरी होती हैं। इसका उल्लेख शिवपुराण में भी है। कि ऐसा करने से सभी दु:ख दूर होते हैं और उसे सुख-समृद्धि मिलती है। केवल दर्शन मात्र से ही पापों से छुटकारा मिल जाता है।

श्री विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग(वाराणसी)- 
सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम्। 
वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये।9।
क्या फल मिलता हैं- इस मंत्र के साथ विश्वेश्वर के दर्शन के बाद व्यक्ति को सुख, समृद्धि और मोक्ष प्राप्त होता है। कहते हैं कि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिङ्गï को स्पर्श यानि छूने भर से ही राजसूय यज्ञ का फल मिलता है। पंचामृत आदि से पूजा करने वाले व्यक्ति को अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो दर्शनार्थी उपवास करके ब्राह्मïणों को संतुष्टï करता है उसे सौत्रामणि यज्ञ का फल मिलता है। नारद पुराण के मुताबिक दर्शन के बाद ब्राह्मïण को दान देने से व्यक्ति की उन्नति होती है। शिव पुराण में उल्लेख है यह ज्योतिर्लिङ्गï मुक्ति और भुक्ति यानी शिव भक्तों को सभी तरह के सुख-समृद्धि मिलती है। उनके पावन नाम का जप करने वाले भक्त कर्म बंधन से छूटकर मोक्ष पद के अधिकारी हो जाते हैं।
ममलेश्वर-ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग(इंदौर, मध्यप्रदेश ) -    2
कावेरिकानर्मदयो: पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय। 
सदैव मान्धातृपुरे वसन्तमोंकारमीशं शिवमेकमीडे।4।
क्या फल मिलता हैं- 
इस मंत्र के साथ ज्योतिर्लिंङ्ग के दर्शन मात्र से व्यक्ति सभी कामनाएं पूर्ण होती है। इसका उल्लेख ग्रंथों में भी मिलता है- शंकर का चौथा अवतार ओंकारनाथ है। यह भी भक्तों के समस्त इच्छाएं पूरी करते हैं। और अंत में सद्गति प्रदान करते हैं।
श्रीवैद्यनाथ ज्योर्तिलिंग(परली,महाराष्ट्र)- 
पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसन्तं गिरिजासमेतम्। 
सुरासुराराधितपादपद्मं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि।5।
क्या फल मिलता हैं- 
वैद्यनाथ न केवल कुष्ठï रोग से लोगों को मुक्त करते हैं बल्कि वे सभी रोगों को दूर करते हैं। इसी कारण बुरा व्यक्ति भी इनके दर्शन से अच्छा बनने लगता है। उसमें आध्यात्मिक गुणों का विकास होने लगता है और सद्गति प्राप्त होती है। ये वैद्य से भी बढक़र हैं। संभवत: इसी कारण इनका नाम वैद्यनाथ पड़ा।
श्री भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग(डाकिनी, महाराष्ट्र)- 
यं डाकिनीशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च। 
सदैव भीमादिपदप्रसिद्धं तं शंकरं भक्तहितं नमामि।6।
क्या फल मिलता हैं- 
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंङ्ग के इस मंत्र के साथ दर्शन, स्मरण व पूजा करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां पवित्र नदी भी है। कहा जाता है कि भगवान जनार्दन ही इसमें जल के रूप में हैं। 

कैसी भी हो मन्नत, ये 12 चमत्कारी मंत्र फौरन करते हैं पूरी --------1

सोमनाथ ज्योर्तिलिंग(सौराष्ट्र,गुजरात)- 
सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्। 
भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ।1।
क्या फल मिलता हैं- 
मान्यता है कि सोमनाथ के इस मंत्र के साथ पूजन व दर्शन मात्र से व्यक्ति के कुष्ठ व क्षय रोग मिट जाते हैं और यहां के कुंड में छह माह तक स्नान करने से असाध्य रोग नष्टï होते हैं।
मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग(श्रीशैलम, आंध्रप्रदेश)- 
श्रीशैलशृंगे विबुधातिसंगे तुलाद्रितुंगेऽपि मुदा वसन्तम्। 
तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेकं नमामि संसारसमुद्रसेतुम्।2।
क्या फल मिलता हैं-
धर्मग्रन्थों में यह महिमा बताई गई है कि श्रीशैल शिखर के इस मंत्र के साथ दर्शन मात्र से मनुष्य सब कष्ट दूर हो जाते हैं और अपार सुख प्राप्त कर जनम-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है यानी मोक्ष प्राप्त होता है ।   
श्री महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग(उज्जैन, मध्यप्रदेश)- 
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्। 
अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।3।
क्या फल मिलता हैं- 
भगवान महाकालेश्वर को भक्ति, शक्ति एवं मुक्ति का देव माना जाता है । इसलिए इस ज्योर्तिलिंग मंत्र के स्मरण व इनके दर्शन मात्र से सभी कामनाओं की पूर्ति एवं मोक्ष प्राप्ति होती है। काल भय भी नहीं सताता। 

Tuesday, July 2, 2013

जानिए हनुमान चालीसा की किस चौपाई से क्या चमत्कार होते हैं

 

रामदूत अतुलित बलधामा।
अंजनिपुत्र पवनसुत नामा।
यदि कोई व्यक्ति इस चौपाई का जप करता है तो उसे शारीरिक कमजोरियों से मुक्ति मिलती है। इस पंक्ति का अर्थ यह है कि हनुमानजी श्रीराम के दूत हैं और अतुलित बल के धाम हैं। यानि हनुमानजी परम शक्तिशाली हैं
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा की केवल इस पंक्ति का जप करता है तो उसे सुबुद्धि की प्राप्ति होती है। इस पंक्ति का जप करने वाले लोगों के कुविचार नष्ट होते हैं और सुविचार बनने लगते हैं। बुराई से ध्यान हटता है और अच्छाई की ओर मन लगता है।
बिद्यबान गुनी अति चातुर।
रामकाज करीबे को आतुर।।
यदि किसी व्यक्ति को विद्या धन चाहिए तो उसे इस पंक्ति का जप करना चाहिए। इस पंक्ति के जप से हमें विद्या और चतुराई प्राप्त होती है। इसके साथ ही हमारे हृदय में श्रीराम की भक्ति भी बढ़ती है।
लाय संजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
इस पंक्ति का जप करने से भयंकर बीमारियों से भी मुक्ति मिल सकती है। यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त है और दवाओं का भी असर नहीं हो रहा है तो उसे भक्ति के साथ हनुमान चालीसा या इस पंक्ति का जप करना चाहिए। दवाओं का असर होना शुरू हो जाएगा, बीमारी धीरे-धीरे ठीक होने लगेगी।