LORD VISHNU LAXMI

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Wednesday, July 30, 2014

फेंगशुई में क्यों माना गया है बैंबू को लकी पौधा, ये हैं इसकी बड़ी खासियत

 बांस एक बहुत उपयोगी हैं। इसका प्रयोग मकान, मकान की छतों, झोपडिय़ों व दीवारों के निर्माण में होता है। इससे चटाइयां और टोकरियां भी बनाई जाती हैं। जापान में इसको भीतर से साफ कर पानी की पाइप के रूप में भी प्रयोग करते हैं। विश्व के कई देशों में इसका सब्जी के रूप में भी प्रयोग होता है। इसकी शाखाएं दवाइयां बनाने के काम भी आती हैं। बांस के पौधे में एक साथ कई बांस समुह में उगते हैं। खैर बांस के इन गुणों से तो हम सभी परिचित हैं, लेकिन आजकल एक स्पेशल बैंबू प्लांट भी बाजार में उपलब्ध है। जिसे लकी बैंबू कहा जाता है। फेंगशुई में इसे पॉजीटिव एनर्जी का प्रतीक माना गया है।
 बैंबू प्लांट की विशेषता- बैंबू को फेंगशुई में लकी माना गया है। दरअसल, बांस का पौधा शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। यह परम ज्ञान का प्रतीक है। बांस का पौधा खोखला होता है। इसीलिए इसके माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह पूरे घर में होता है। यदि किसी के बगीचे में बांस का पौधा बहुत अच्छे से फल-फूल रहा हो वह बहुत लकी होता है।बैंबू को घर व ऑफिस में लगाया जाता है। इस पौधे को सूरज की सीधी रोशनी की जरूरत नहीं पड़ती है।
इसे ज्यादा रखरखाव और देखभाल की भी जरूरत नहीं होती। पूरे साल में यह पौधा तीन-चार इंच ही बढ़ता है। यह पौधा नॉन टॉक्सिक है और बच्चों व पालतू जानवरों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। फेंगशुई मान्यता है कि ड्रेसीना सेडेंरियाना नामक यह पौधा घर में लगाने से बेड लक दूर होता है। वास्तु के अनुसार यह पौधा धातु, अग्नि, जल, पृथ्वी, आकाश, वायु और जंगल के तत्वों में संतुलन पैदा करता है।क्यों लगाया जाता है बैंबू- फेंगशुई लकी बैंबू उस स्थान की एनर्जी में संतुलन पैदा करता है। यह पौधा उस जगह रहने और काम करने वाले लोगों को तनाव से दूर रखता है।इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। फेंगशुई पद्धति के अनुसार यह पौधा घर में रहने वालों के लिए मूड बूस्टर का काम भी करता है, क्योंकि इसकी सकारात्मक ऊर्जा वातावरण को जीवंत बनाए रखती है।इसके तनों को बंडल में बांधने के लिए रेड रिबन का उपयोग किया जाता है, जो अग्नि तत्व के सकारात्मक रूप का प्रतिनिधित्व करता है। बाजार में यह पौधा अलग-अलग आकार में मौजूद है। बैंबू के प्लांट की कीमत उसकी उम्र के हिसाब से होती है। यह पौधा जितना पुराना होता है। उसकी कीमत उतनी ही ज्यादा होती है।जरूरत के अनुसार लगाएं बैंबू-बैंबू का सही प्रभाव प्राप्त हो, इसके लिए आवश्यकता अनुसार बैंबू स्टिक  लगाना चाहिए। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह का लक चाहते हैं।दो बैंबू लगाने से लव लक बढ़ता है। वहीं तीन बैंबू स्टिक बुद्धि और खुशी में बढ़ोतरी करता है। आठ नंबर फेंगशुई में बहुत लकी माना जाता है। इसीलिए आठ स्टिक वाले बैंबू को वृद्धि का प्रतीक माना जाता है। नौ स्टिक वाले पौधे को गुड लक बढ़ाने वाला माना जाता है। दस स्टिक वाले पौधे को संपूर्णता और परफेक्शन का प्रतीक माना जाता है।
कहां रखें- घर या ऑफिस के पूर्वी भाग में ऑफिस डेस्क के पूर्वी हिस्से पर बैंबू प्लांट रखना शुभ माना जाता है। यदि आप धन में बढ़ोतरी चाहते हैं तो घर के वैल्थ एरिया यानी दक्षिण-पूर्वी कोने में बैंबू प्लांट लगाएं।

 


 

जानिए घर में फिश अक्वेरियम कहां रखें, ये हैं इसे रखने के फायदे

वास्तु से जुड़ी बहुत सी चीजें हैं, जो घर में सुख-शांति व उन्नति का प्रतीक बन चुकी हैं। इसलिए लोग आजकल घर में ऐसी कई चीजें रखते हैं जो वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी हैं। ये चीजें घर में सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखती हैं। फिश अक्वेरियम भी एक ऐसी ही वस्तु है। फेंगशुई की मानें तो मछलियों में ऐसी शक्तियां होती है, जो घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके सुख समृद्धि लाती है।
कहां रखें अक्वेरियम - फेंगशुई के अनुसार अक्वेरियम को पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व में रखना चाहिए। इसे शयनकक्ष या रसोईघर में नहीं रखना चाहिए। इन जगहों पर रखने से संपत्ति की हानि होती है। दांपत्य जीवन में आपसी प्रेम बनाए रखने के लिए इसे मुख्य द्वार के बाईं ओर रखें।
घर में अक्वेरियम रखने के लाभ- फेंगशुई के अनुसार अक्वेरियम में मछलियों की संख्या का बड़ा ही महत्व है। अक्वेरियम में कम से कम नौ मछलियां होनी चाहिए।आठ मछलियां लाल या सुनहरे रंग की होनी चाहिए, जबकि एक मछली काले रंग की। ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों की संख्या नौ बताई गई है। यही कारण है कि फेंगशुई में नौ मछलियां अक्वेरियम में रखने की बात कही गई है।

- जब कभी कोई मछली मर जाए तो उसे अक्वेरियम से बाहर निकाल दें और उसकी जगह नई मछली लाकर रख दें। ध्यान रखें कि जिस रंग की मछली मरी हो उसी रंग की नई मछली लाएं।

- यह आपको संकट से बचाती है। यही कारण है कि वास्तु और फेंगशुई में अक्वेरियम यानी मछली घर रखने की सलाह दी गई है।

Saturday, April 19, 2014

                         ये हैं हनुमान चालीसा की पांच चौपाइयों के खास उपाय

भीम रूप धरि असुर संहारे।रामचंद्रजी के काज संवारे।।
जब आप शत्रुओं से परेशान हो जाएं और कोई रास्ता दिखाई न दे तो हनुमान चालीसा की इस चौपाई का विशेष जप करें। यदि एकाग्रता और भक्ति के साथ हनुमान चालीसा की सिर्फ इस पंक्ति का जप किया जाए तो शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है।
इस पंक्ति का अर्थ यह है कि श्रीराम और रावण के बीच हुए युद्ध में हनुमानजी ने भीम रूप यानी विशाल रूप धारण किया था। इसी भीम रूप में असुरों-राक्षसों का संहार किया। श्रीराम के काम पूर्ण करने में हनुमानजी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिससे श्रीराम के सभी काम संवर गए।
लाय संजीवन लखन जियाये।श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
इस पंक्ति का जप करने से भयंकर बीमारियों से भी मुक्ति मिल जाती है। यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और दवाओं का भी असर नहीं हो रहा है तो उसे भक्ति के साथ पूरी हनुमान चालीसा या सिर्फ इस पंक्ति का विशेष जप करना चाहिए। दवाओं का असर होना शुरू हो जाएगा, बीमारी धीरे-धीरे ठीक होने लगेगी।
इस चौपाई का अर्थ यह है कि रावण के पुत्र मेघनाद ने लक्ष्मण को मुर्छित कर दिया था। तब सभी की औषधियों से भी लक्ष्मण की चेतना लौट नहीं रही थी। तब हनुमानजी संजीवनी औषधि लेकर आए और लक्ष्मण के प्राण बचाए। हनुमानजी के इस चमत्कार से श्रीराम अतिप्रसन्न हुए।

ये हैं हनुमान चालीसा की पांच चौपाइयों के खास उपाय

कुछ खास चौपाइयां और उनके अर्थ। साथ ही जानिए किस चौपाई के जप से क्या होता है...
रामदूत अतुलित बलधामा।अंजनिपुत्र पवनसुत नामा।
यदि कोई व्यक्ति इस चौपाई का जप करता है तो उसे शारीरिक कमजोरियों से मुक्ति मिलती है। इस पंक्ति का अर्थ यह है कि हनुमानजी श्रीराम के दूत हैं और अतुलित बल के धाम हैं। यानी हनुमानजी परम शक्तिशाली हैं। इनकी माता का नाम अंजनी है, इसी वजह से इन्हें अंजनी पुत्र कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी को पवन देव का पुत्र माना गया है और इसी वजह से इन्हें पवनसुत भी कहते हैं।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।कुमति निवार सुमति के संगी।।
यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा की इस पंक्ति का जप करता है तो उसे सुबुद्धि प्राप्त होती है। इस पंक्ति का जप करने वाले लोगों के कुविचार नष्ट होते हैं और सुविचार बनने लगते हैं। बुराई से ध्यान हटता है और अच्छाई की ओर मन लगता है।इस पंक्ति का अर्थ यह है कि बजरंगबली महावीर हैं और हनुमानजी कुमति को निवारते हैं यानी कुमति को दूर करते हैं। बजरंग बली सुमति यानी अच्छे विचारों को बढ़ाते हैं।
बिद्यबान गुनी अति चातुर।
रामकाज करीबे को आतुर।।
यदि किसी व्यक्ति को विद्याधन चाहिए तो उसे इस पंक्ति का विशेष रूप से जप करना चाहिए। इस पंक्ति के जप से हमें विद्या और चतुराई प्राप्त होती है। इसके साथ ही हमारे हृदय में श्रीराम की भक्ति भी बढ़ती है।
इस चौपाई का अर्थ है कि हनुमानजी विद्यावान और गुणवान हैं। हनुमानजी बहुत चतुर भी हैं। वे सदैव ही श्रीराम सेवा करने के लिए तत्पर रहते हैं। जो भी व्यक्ति इस चौपाई का जप करता है, उसे हनुमानजी से विद्या, गुण, चतुराई के साथ ही, श्रीराम की भक्ति प्राप्त होती है।
 

Friday, January 17, 2014


जो लोग हस्ताक्षर करते समय नाम का पहला अक्षर थोड़ा बड़ा और पूरा उपनाम लिखते हैं वे अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं। ईश्वर में आस्था रखने वाले और धार्मिक कार्य करना इनका स्वभाव होता है। ऐसे लोगों का वैवाहिक जीवन भी सुखी होता है।
जिन लोगों के हस्ताक्षर एक जैसे लयबद्ध नहीं दिखाई देते हैं वे मानसिक रूप से अस्थिर होते होते हैं। इन्हें मानसिक कार्यों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 
जिन लोगों के हस्ताक्षर सामान्य रूप से कटे हुए दिखाई देते हैं वे नकारात्मक विचारों वाले होते हैं। इन्हें किसी भी कार्य में असफलता पहले नजर आती है।जिन लोगों के सिग्नेचर मध्यम आकार के अक्षर वाले, जैसी उनकी हैंड राइटिंग है, ठीक वैसे ही हस्ताक्षर हो तो व्यक्ति हर काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करता है। वह हर काम में संतुलन बनाए रखता है। ये लोग दूसरों के सामने बनावटी स्वभाव नहीं रखते हैं। जैसे ये वास्तव में होते हैं ठीक वैसा ही खुद को प्रदर्शित करते हैं।
जो लोग अपने हस्ताक्षर को नीचे से ऊपर की ओर ले जाते हैं वे आशावादी होते हैं। निराशा का भाव उनके स्वभाव में नहीं होता है। ऐसे लोग भगवान में आस्थ रखने वाले भी होते हैं। इनका उद्देश्य जीवन में ऊपर की ओर बढऩा होता है। इस प्रकार हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति अन्य लोगों का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखते हैं।
जिन लोगों के हस्ताक्षर ऊपर की नीचे की ओर जाते हैं वे नकारात्मक विचारों वाले हो सकते हैं। ऐस लोग किसी भी काम में असफलता की बात पहले सोचते हैं।

सिर्फ हस्ताक्षर देखिए और समझिए किसी भी स्त्री या पुरुष की गुप्त बातें

आप बहुत धन कमाते है और फिर भी बचत नहीं होती है तो अपने हस्ताक्षर के नीचे की ओर पूरी लाईन खीचें तथा उसके नीचे दो बिंदू बना दें, इन बिंदुओं को धन बढऩे के साथ-साथ बढ़ाते रहें। याद रखें अधिकतम छ: बिंदू लगाए जा सकते हैं।जो लोग हस्ताक्षर का पहला अक्षर बड़ा लिखते हैं वे विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग किसी भी कार्य को अपने ही अलग अंदाज से पूरा करते हैं। पहला अक्षर बड़ा बनाने के बाद अन्य अक्षर छोटे-छोटे और सुंदर दिखाई देते हों तो व्यक्ति धीरे-धीरे किसी खास मुकाम पर पहुंच जाता है। ऐसे लोगों को जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त हो जाती हैं।जो लोग बुरी तरह से, जल्दी-जल्दी और अस्पस्ट हस्ताक्षर करते हैं वे जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करते हैं। ऐसे लोग सुखी जीवन नहीं जी पाते हैं। हालांकि ऐसे लोगों में कामयाब होने की चाहत बहुत अधिक होती है और इसके लिए वे श्रम भी करते हैं। ये लोग किसी को धोखा भी दे सकते हैं। इनका स्वभाव चतुर होता है इसी वजह से इन्हें कोई धोखा नहीं दे सकता।कुछ लोग अपने हस्ताक्षर को तोड़-मरोड़ कर या टुकड़े-टुकड़े में करते हैं, हस्ताक्षर के शब्द छोटे-छोटे और अस्पष्ट होते हैं जो कि आसानी से समझ नहीं आते हैं। ऐसे लोग सामान्यत: बहुत ही चालाक होते हैं। ये लोग अपने काम से जुड़े राज किसी के सामने जाहिर नहीं करते हैं। कभी-कभी ये लोग गलत रास्तों पर भी चल देते हैं और किसी को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।जो लोग कलात्मक और आकर्षक हस्ताक्षर करते हैं वे रचनात्मक स्वभाव के होते हैं। उन्हें किसी भी कार्य को कलात्मक ढंग से करना पसंद होता है। ऐसे लोग किसी न किसी कार्य में हुनरमंद होते हैं। इन लोगों के काम करने का तरीका अन्य लोगों से एकदम अलग होता है। ऐसे हस्ताक्षर वाले लोग पेंटर या कोई कलाकार भी हो सकते हैं।कुछ लोग हस्ताक्षर के नीचे दो लाइन खींचते हैं। जो ऐसे सिग्नेचर करते हैं उनमें असुरक्षा की भावना अधिक होती है। ऐसे लोग किसी भी कार्य में सफलता को लेकर संशय में रहते हैं। खर्च करने में इन्हें काफी बुरा महसूस होता है अर्थात ये लोग कंजूस भी हो सकते हैं।                                    आगे दुसरे पेज पर